बज गया बिगुल, महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बारे में यहां जानें सब कुछ
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर, 2019 को समाप्त होने जा रहा है. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर, 2019 को समाप्त होने जा रहा है.
नई दिल्ली :
विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर, 2019 को समाप्त होने जा रहा है. बीजेपी चाहती है कि राज्य में वो बड़े भाई की भूमिका में रहे, लेकिन शिवसेना बीजेपी का दर्जा बढ़ाने को तैयार नहीं है. बताया जा रहा है कि शिवसेना को बराबरी से नीचे का फॉर्मूला मंजूर नहीं है. इस फॉर्मूले के मुताबिक शिवसेना चाहती है कि कुल 288 विधानसभा सीटों में से बीजेपी और शिवसेना 135-135 सीटों पर चुनाव लड़े और बाकी की 18 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ दी जाएं. हालांकि बीजेपी, शिवसेना को 100-110 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं दिख रही है. हालांकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन तय है, लेकिन सीटों का बंटवारा अभी तय नहीं है.
कांग्रेस-NCP को मिला तीन दलों का साथ
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने समाजवादी पार्टी (सपा), पीपुल्स रिपब्लिकन पार्टी (पीआरपी) और लक्ष्मण माने की अध्यक्षता वाले वंचित बहुजन अगाड़ी (वीबीए) गुट के साथ गठबंधन किया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की पार्टी और कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 125-125 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी. बाकी की 38 सीटें छोटे सहयोगी दलों को दी गई हैं.
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने समाजवादी पार्टी (सपा), पीपुल्स रिपब्लिकन पार्टी (पीआरपी) और लक्ष्मण माने की अध्यक्षता वाले वंचित बहुजन अगाड़ी (वीबीए) गुट के साथ गठबंधन किया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की पार्टी और कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 125-125 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी. बाकी की 38 सीटें छोटे सहयोगी दलों को दी गई हैं.
महाराष्ट्र में बीजेपी ने 2014 में रचा था इतिहास
2014 कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था. केंद्र में सत्ता खोने के महीनों बाद पार्टी ने महाराष्ट्र में अपनी सरकार खो दी. भाजपा ने 288 सीट वाली विधानसभा में 122 सीटों पर जीत के साथ राज्य में एक बड़ी बढ़त दर्ज की. भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी.
2014 कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था. केंद्र में सत्ता खोने के महीनों बाद पार्टी ने महाराष्ट्र में अपनी सरकार खो दी. भाजपा ने 288 सीट वाली विधानसभा में 122 सीटों पर जीत के साथ राज्य में एक बड़ी बढ़त दर्ज की. भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी.
महाराष्ट्र का सियासी समीकरण (फडणवीस-उद्धव-सोनिया-शरद पवार)
- महाराष्ट्र में 2014 बीजेपी शिवसेना अलग-अलग लड़े
- लोकसभा चुनाव में साथ लड़े तो वोट शेयर 3% तक बढ़ा
- महाराष्ट्र में NCP-कांग्रेस गठबंधन का ऐलान
- BJP-शिवसेना में सीटों के बंटवारे पर फैसला बाकी
महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन (फड़नवीस, उद्धव, मोदी)
- बीजेपी-शिवसेना के बीच 50-50 का फॉर्मूला
- 135-135 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है बीजेपी-शिवसेना
- सीटों के बंटवारे का औपचारिक ऐलान बाकी
- सहयोगी दलों के लिए 18 सीटें छोड़ी
महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन ( सोनिया, शरद पवार)
- महाराष्ट्र में कांग्रेस+NCP+PRP का गठबंधन
- 125-125 सीटों पर मिलकर लड़ेंगी CONG+NCP
- सहयोगी पार्टियों के लिए 38 सीटें छोड़ी
हरियाणा में 2014 में BJP ने अकेले बनाई थी सरकार
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर, 2019 को समाप्त होने जा रहा है. हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. 2014 में भाजपा ने 47 सीट जीतकर पहली बार अकेले सरकार बनाई थी और सीएम मनोहर लाल मुख्यमंत्री चुने गए. वहीं इनेलो 19 सीट जीतकर सबसे बड़ा विपक्षी दल बना था. कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी, जबकि आजाद व अन्य उम्मीदवारों ने 9 सीटें जीती थी. हरियाणा में इस बार करीब 1.83 करोड़ लोग मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें 98,33,323 पुरुष व 84,65,152 महिलाएं मतदाता हैं.
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर, 2019 को समाप्त होने जा रहा है. हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. 2014 में भाजपा ने 47 सीट जीतकर पहली बार अकेले सरकार बनाई थी और सीएम मनोहर लाल मुख्यमंत्री चुने गए. वहीं इनेलो 19 सीट जीतकर सबसे बड़ा विपक्षी दल बना था. कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी, जबकि आजाद व अन्य उम्मीदवारों ने 9 सीटें जीती थी. हरियाणा में इस बार करीब 1.83 करोड़ लोग मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें 98,33,323 पुरुष व 84,65,152 महिलाएं मतदाता हैं.
हरियाणा राज्य का गठन 1966 में पंजाब से अलग करके हुआ था. शुरुआत में राज्य में 54 विधानसभा सीटें ही थीं, जिन्हें बढ़ाकर 1967 में 81 कर दिया गया और 1977 में यह संख्या 90 हो गई. इनमें से 17 सीटें आरक्षित हैं. खट्टर से पहले लगातार 10 वर्षों तक कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य के मुख्यमंत्री थे.
हरियाणा में BJP का सियासी समीकरण (खट्टर-मोदी)
- 370 और 3 तलाक ख़त्म होने के बाद BJP की पहली बड़ी परीक्षा
- 2014 के मुकाबले 2019 में BJP का वोट शेयर पहले से बढ़ा
- 2014 में BJP को पहली बार हरियाणा में पूर्ण बहुमत मिला
हरियाणा में कांग्रेस का सियासी समीकरण (हुड्डा-सोनिया-शैलजा)
- हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी से पार्टी कमजोर
- कांग्रेस से अलग हो सकते हैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा
- हुड्डा के अलग होने से कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है
- कुमारी शैलजा को अध्यक्ष बनाए जाने से एक गुट नाराज
चुनावों के लिए 110 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान खर्चे पर नजर रखने के लिए आयकर विभाग के 110 आइआरएस अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. पर्यवेक्षकों को दोनों राज्यों में चुनाव प्रक्रिया के दौरान कालाधन के इस्तेमाल और अन्य गैरकानूनी लालच के इस्तेमाल की जांच करने का काम दिया जाएगा. चुनाव आयोग ने यहां 23 सितंबर को इन अधिकारियों को बुलाया है, जहां उन्हें इस संबंध में जानकारी दी जाएगी.
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान खर्चे पर नजर रखने के लिए आयकर विभाग के 110 आइआरएस अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. पर्यवेक्षकों को दोनों राज्यों में चुनाव प्रक्रिया के दौरान कालाधन के इस्तेमाल और अन्य गैरकानूनी लालच के इस्तेमाल की जांच करने का काम दिया जाएगा. चुनाव आयोग ने यहां 23 सितंबर को इन अधिकारियों को बुलाया है, जहां उन्हें इस संबंध में जानकारी दी जाएगी.
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